
कपिलवस्तु। नेपाल की रूपनदेही पुलिस ने भारी मात्रा में फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के साथ एक भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान अभिषेक यादव निवासी नौबस्ता कानपुर के रूप में की गई है। पुलिस के मुताबिक उसके पास से विभिन्न नेपाली और भारतीय विश्वविद्यालयों के फर्जी दस्तावेज और उन्हें बनाने में प्रयुक्त सामग्री बरामद की गई है।
जिला पुलिस कार्यालय रूपंदेही और क्षेत्रीय पुलिस कार्यालय बेलहिया की एक संयुक्त टीम ने बताया कि रविवार शाम गोपनीय सूचना के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया। जिला पुलिस कार्यालय के प्रवक्ता सूरज कार्की ने कहा लंबे समय से रूपंदेही में फर्जी प्रमाणपत्रों के अवैध कारोबार की सूचना मिल रही थी और हम इस पर नजर रख रहे थे। इसी क्रम में अभिषेक यादव को भारी मात्रा में फर्जी प्रमाणपत्रों के साथ गिरफ्तार करने में सफल रहे। टीम ने उसे उस समय हिरासत में लिया। जब वह भैरहवा सिद्धार्थनगर नगर पालिका वार्ड नंबर एक के बेलहिया बस पार्क स्थित होटल मुक्तिनाथ में प्रवेश करने वाला था। शरीर और सूटकेस की तलाशी के दौरान, पुलिस को त्रिभुवन विश्वविद्यालय के जैसे दिखने वाले 100 ट्रांसक्रिप्ट और 36 खाली प्रमाणपत्र मिले।पुलिस ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के तीन नकली और पांच स्टांप पैड, त्रिभुवन विश्वविद्यालय के 4,040 होलोग्राम वाले 21 बंडल, उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद के 2,000 होलोग्राम वाले 19 पैकेट और राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के 1,700 नकली होलोग्राम और स्टिकर वाले 17 पैकेट बरामद किए हैं। इसी तरह भारत में एमिटी विश्वविद्यालय के 80 नकली अंकपत्र, 40 प्रोविजनल प्रमाणपत्र, 60 चरित्र प्रमाणपत्र, 49 अन्य खाली प्रमाणपत्र और 40 खाली लोगो बरामद किए गए। इसके अलावा जवाहरलाल नेहरू तकनीकी विश्वविद्यालय हैदराबाद, छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, असम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, आंध्र विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों और कार्यालयों के नाम वाली दर्जनों नकली मुहरें, चार पेन ड्राइव, एक एचपी कंपनी का लैपटॉप, एक आईफोन, एक मोबाइल, तीन एटीएम कार्ड, 18,500 भारतीय रुपये और 3,025 नेपाली रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
पुलिस की जांच में सामने आया यह तथ्य
जिला पुलिस कार्यालय के मुख्य पुलिस अधीक्षक प्रदीप बहादुर छेत्री ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी किसी के लिए काम करने वाला एक कर्मचारी मात्र था। शुरुआती जांच से पता चला है कि वह आमतौर पर विदेश में पढ़ाई और कार्य प्रयोजन के लिए नकली प्रमाण पत्र बनाता है। इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि इसका इस्तेमाल अन्य उद्देश्यों के लिए भी किया जा रहा हो। हमने मुख्य व्यक्ति और अन्य की पहचान कर ली है। चूंकि वे भागे हुए हैं इसलिए उनकी गिरफ्तारी के बाद और जानकारी सामने आएगी।